Management Team


समूची दुनिया अनेकानेक कारणों से तेज बदलाव के दौर से गुजर रही है। इस बदलाव की दौड़ में हमारी स्थापित मान्यतायें, जीवन मूल्य, सांस्कांरिक व्यवस्थायें भी आहत हुई, साथ की आहत हुई मानवीय गरिमा। मानवीय गरिमा मानव-मानव के बीच परस्पर संबंध सभी जाति, धर्म, भाषा, नस्ल, क्षेत्र, लिंग आदि भेदों से परे होने चाहिये थे पर दुर्भाग्य से ऐसा न हो सका। वे शांति सदभाव प्रेम, सहयोग और समरसता के भाव विलीन हो गये। कालचक्र ने मनुष्यों के बीच कटुता वैमनष्य, द्वेष, घृणा, हिंसा, लालच जैसे विष से भर दिया। मानवाधिकार सुरक्षा एवं संरक्षण आर्गेनाइजेशन उन्हीं शाश्वत मानवीय संबंधों मूल्यों एवं अधिकारों के संरक्षण और सुरक्षा के प्रति कटिबद्ध एक छोटा सा प्रयास है। संगठन परिवार के प्रत्येक सम्मानित सदस्य ने मानवाधिकारों के अनेक पक्षों पर निःसंदेह योगदान दिया है। कोरोना काल की त्रासदी में , संगठन का सहयोग कभी भूला नही जा सकता। पर्यावरण की सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, सफाई, खोये लोगों को राहत के साथ अनेक क्षेत्रों में अल्प अवधि में सराहनीय कार्य किये है। संगठन परिवार का प्रत्येक सदस्य साधुवाद और बधाई का पात्र है। अनेक अनेक मंगलकामनायें कृपाशंकर तिवारी

साथियो! संस्था ‘‘मानवाधिकार सुरक्षा एवं संरक्षण आर्गनाइजेशन’’ अपने सांगठनिक सूत्रों - मानवीय दृष्टिकोण, अनुशासन व संकल्पित शक्ति के साथ समाज सेवा का व्रत लेकर शासन द्वारा जनहित में प्रेषित व प्रदत्त- स्वान्वेषी, शासनानुप्रेरित प्रयोगों व सुविधाओं के प्रति समाज को जागरूक कर न्यायिक, नैतिक व संवैधानिक मार्ग दर्शन व सहायता करने का कार्य करती है। संस्था सभी नागरिकों को विश्वास दिलाती है कि अन्याय, शोषण एवं उत्पीड़न की पीड़ा से भरी उनकी आवाज को उचित फोरम तक ले जाकर समाधान में कोई व्यक्ति अकेला नहीं है, संस्था उनके साथ है तथा उनके संवैधानिक अधिकारों, जीवन, स्वतंत्रता व सुरक्षा दिलाने हेतु कटिबद्ध है। संस्था सभी अमानवीय व्यवहार, निर्दयता, उत्पीड़न के विरूद्ध संरक्षण दिलाने, स्वेच्छाचारी कैद, निरोधन या निष्कासन के विरूद्ध सहयोग करने तथा संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों की रक्षा हेतु सदैव तत्पर है। साथ ही यह संस्था उन सभी ऊर्जावान, उत्साही, अनुशासित व संस्था के नियमों के अंतर्गत सक्रिय सेवा हेतु संकल्पित कार्यकत्ताओं को संगठन में शामिल होने का आमंत्रण देती है। तो आइए। संस्था आपकी भावनाओं को क्रियान्वित स्वरूप देने, प्रकटीकरण के अवसर, मंच, साधन, समर्थन व सहयोग प्रदान करने हेतु आपको सहर्ष आमंत्रित करती है। गुलाब सिंह चंदेल

आज हमारा समाज अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों की जानकारी से कोसों दूर खड़ा है बहुत बड़ी जनसंख्या को अपने अधिकार नहीं मालूम और जिनको मालूम भी हैं उनको यह नहीं मालूम कि वह अधिकारों का हनन होने पर शिकायत कहां करें । इस अनभिज्ञता की वजह से वह अपने को ठगा सा महसूस करते हैं, इसी तरह हम लोग अपने कर्तव्य से भी अनभिज्ञ होते हैं जिसकी वजह से हम देश एवं समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का पूर्ण रूप से निर्वहन नहीं कर पाते। मानवाधिकार सुरक्षा एवं संरक्षण ऑर्गेनाइजेशन अन्य सामाजिक कार्यों के साथ-साथ आपको आपके अधिकार दिलाने के साथ आपको आपके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने के लिए कार्य करता है। संस्था के पदाधिकारी एवं सदस्य पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए निरंतर तत्पर रहते हैं। जिससे हमारे मानवाधिकारों का हनन ना हो सके। हम आपकी आवाज बनने को तैयार हैं बस आप अपना हाथ तो हमारी तरफ बढ़ाएं। हम आपकी समस्या को अपनी समस्या मानकर समाधान कराने को तैयार हैं बस आप अपने अधिकारों को पाने की दृढ़ इच्छा तो दिखाएं। हमें इतना ध्यान रखना है कि हम अपने अधिकारों के साथ-साथ इस देश और समाज के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन भी करने से पीछे ना हटे। डॉ तपन अग्निहोत्री

आज पूरे विश्व में ताकत और पैसे के बल पर होने वाली हिंसा इस बात का प्रत्यक्ष सबूत है कि मानवता खतरे में है। हालात ऐसे हैं कि यदि मानव पर कोई सामाजिक और विधिक नियंत्रण न हो तो वह खुद की श्रेष्ठता साबित करने के लिए मरने मारने को तैयार नज़र आएगा। वास्तव में आज दुनिया में संपन्न और शक्तिशाली लोगों के बीच यदि आम जनता सुरक्षित ढंग से रह पा रही है तो उसका एकमात्र कारण सबको मिलने वाला तथाकथित मानवाधिकार है। यूँ तो मानवाधिकार सबके लिए समान है किन्तु इसका वास्तविक लाभ उसे ही मिल पता है जिसके पास पर्याप्त जानकारी, सामर्थ्य अथवा संसाधन उपलब्ध हैं। हमारी संस्था ऐसे लोगों के लिए जिनके मानवाधिकारों का हनन हो रहा है उसको सुरक्षा एवं संरक्षण दिलाने के लिए हमेशा तत्पर है। राष्ट्रीय सचिव डॉ श्रीकांत अवस्थी

यह जानकर अत्यंत हर्ष होता है कि भारत में भी शिक्षा/ उच्च शिक्षा का स्तर उठता जा रहा है। किंतु यह देखकर अत्यंत दुख होता है कि आम जनमानस में स्वयं के अधिकारों की जानकारी बहुत कम है, जिस कारण हर क्षेत्र में समस्या का सामना करना पड़ता है। व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु तक (हॉस्पिटल से लेकर शमशान तक) कितनी ही बार अधिकारों का हनन होता है पता भी नहीं चल पाता आइए जिस प्रकार शिक्षा का स्तर उठ रहा है उसी प्रकार अपने अधिकारों को जानने के क्षेत्र में खुद को ऊपर उठाएं और शुरुआत करें हमारे साथ । मानवाधिकार सुरक्षा एवं संरक्षण ऑर्गेनाइजेशन ऐसे अंधकार को समाप्त करने के लिए एक दिये के समान कार्य शुरू किया था और आज एक दीपमाला के समान हो गई है। डॉ किरन अग्निहोत्री